चंपावत: टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) 12 दिन बाद बुधवार को फिर से खुल गया, जिससे रोडवेज और अन्य वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई। स्वाला के डेंजर जोन में भूस्खलन के कारण मार्ग 29 अगस्त से बंद था। दो दिन तक छोटे वाहनों से स्थिति का आकलन करने के बाद आज सुबह रोडवेज और बड़े वाहनों के लिए मार्ग खोल दिया गया। हालांकि, 16 टन से अधिक वजन वाले माल वाहनों पर अभी भी प्रतिबंध लगा रहेगा, जिससे चंपावत और पिथौरागढ़ के निवासियों को आंशिक राहत मिली है।
भूस्खलन नियंत्रण और व्यवस्था
एनएच लोहाघाट खंड के अधिशासी अभियंता दीपक जोशी ने बताया कि स्वाला में भूस्खलन और मलबे को हटाने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं। दो दिन पहले छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू की गई थी, और रैंप की मजबूती जांचने के बाद बड़े वाहनों को अनुमति दी गई। रोडवेज बसें, यात्री वाहन और फल-सब्जी ले जाने वाली गाड़ियां अब चल रही हैं, जिससे पिथौरागढ़ और चंपावत के लिए राशन और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुचारू होगी।
समयबद्ध यातायात नियम
यातायात निरीक्षक हयात सिंह अधिकारी ने एनएच का निरीक्षण कर रोड प्लान तैयार किया। चंपावत से टनकपुर जाने वाले वाहन बनलेख से सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे के बीच, जबकि टनकपुर से चंपावत आने वाले वाहन ककराली गेट से सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे के बीच ही रवाना होंगे। रात 6 बजे के बाद पहाड़ी क्षेत्रों में वाहन चढ़ने पर पूरी तरह पाबंदी रहेगी।
सब्जी की कीमतों में संभावित कमी
रोडवेज और अन्य वाहनों की आवाजाही से स्थानीय बाजारों में सब्जियों की आपूर्ति बढ़ने की उम्मीद है, जिससे कीमतों में जल्द ही कमी आ सकती है। 16 टन से अधिक भार वाले वाहनों पर प्रतिबंध के बावजूद, आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई के लिए वैकल्पिक व्यवस्था पर काम शुरू हो गया है।
सावधानी और संपर्क
16 टन से अधिक क्षमता वाले वाहनों पर प्रतिबंध जारी रहेगा। यात्रियों और चालकों से यातायात नियमों का सख्ती से पालन करने की अपील की गई है। आपात स्थिति में पुलिस कंट्रोल रूम (112, 9411112984, 05965-230276) या आपदा कंट्रोल रूम (7895318895) पर संपर्क किया जा सकता है।