कार्बेट टाइगर रिजर्व में वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए आईसीआईसीआई फाउंडेशन ने 10 करोड़ रुपये और एस्ट्रल कंपनी ने 1 करोड़ रुपये का योगदान देने का निर्णय लिया है। यह राशि कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) फंड से प्राप्त होगी, जिसका उपयोग वन कर्मियों, वन्यजीवों, और संसाधनों के विकास में किया जाएगा। यह पहल कार्बेट के बाघ रक्षक कार्यक्रम के तहत हो रही है, जिससे दीर्घकालिक सकारात्मक परिणाम मिलने की उम्मीद है।
कार्बेट टाइगर रिजर्व, जो बाघ संरक्षण और पर्यटन के लिए देश में महत्वपूर्ण है, को सीमित बजट के कारण कई योजनाओं को लागू करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसे देखते हुए, सीटीआर निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने पिछले साल बाघ रक्षक कार्यक्रम शुरू किया था, जिसमें स्कूलों, पर्यटन कारोबारियों, और कॉर्पोरेट कंपनियों को जोड़ा गया। इस कार्यक्रम के तहत आईसीआईसीआई फाउंडेशन और एस्ट्रल कंपनी ने कुल 11 करोड़ रुपये देने का समझौता किया है।
इस फंड का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाएगा। कार्बेट की 150 वन चौकियों में से 35 में सोलर प्लांट स्थापित किए जाएंगे ताकि बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित हो। साथ ही, वन चौकियों पर पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए सोलर पंप और पाइपलाइन बिछाई जाएगी। वन्यजीवों के लिए नए वाटर हॉल बनाए जाएंगे, जो हर समय पानी से भरे रहेंगे। इसके अलावा, जंगल में गश्त के लिए वन कर्मियों को जूते, स्मार्ट स्टिक, लीफ ब्लोअर, अग्नि सुरक्षा सूट, और हेलमेट जैसे उपकरण प्रदान किए जाएंगे।
वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक उपकरण खरीदे जाएंगे, और वास स्थल सुधार के लिए लैंटाना और बेकार घास हटाने का कार्य किया जाएगा। यह फंड कार्बेट के संरक्षण कार्यों को मजबूती देगा। इसके अतिरिक्त, सीएसआर फंड से कार्बेट के रेस्क्यू सेंटर में पहले ही एक पैथोलॉजी लैब स्थापित की जा चुकी है, जिसमें भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून ने दो मशीनें और फूजी फिल्म कंपनी ने एक मशीन प्रदान की है।
डॉ. साकेत बडोला ने बताया कि इस करार से कार्बेट में वन्यजीव संरक्षण को नई दिशा मिलेगी, और इसका दीर्घकालिक लाभ स्थानीय समुदाय और वन्यजीवों को मिलेगा।