राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की नेशनल एनुअल रिपोर्ट इंडेक्स (नारी)-2025 के अनुसार, उत्तराखंड की राजधानी देहरादून देश के 31 शहरों में महिला सुरक्षा के मामले में सबसे असुरक्षित शहरों में शामिल है। 12,700 महिलाओं पर किए गए सर्वेक्षण में सामने आया है कि देहरादून में 55% महिलाएं अश्लील टिप्पणियों और 50% सार्वजनिक परिवहन में उत्पीड़न का शिकार हो रही हैं। इसके अलावा, 21% महिलाओं ने शारीरिक उत्पीड़न और 10% ने मानसिक उत्पीड़न की शिकायत की है।
प्रमुख निष्कर्ष
- उत्पीड़न के आंकड़े: सर्वे में पाया गया कि 19% महिलाएं पड़ोसियों द्वारा और 13% कार्यस्थल पर उत्पीड़न का सामना करती हैं। 40% महिलाओं ने उत्पीड़न के बाद उस क्षेत्र में जाना बंद कर दिया, जबकि केवल 26% ने अधिकारियों को सूचना दी और मात्र 4% ने पुलिस के महिला सुरक्षा ऐप का उपयोग किया।
- सुरक्षा की धारणा: देहरादून में 50% महिलाएं शहर को सुरक्षित या अत्यधिक सुरक्षित मानती हैं, जो राष्ट्रीय औसत 60% से कम है। दिन के समय 70% महिलाएं सुरक्षित महसूस करती हैं, लेकिन रात में यह आंकड़ा घटकर 44% रह जाता है। रात में 33% महिलाएं सामान्य और 14% असुरक्षित महसूस करती हैं।
- बुनियादी ढांचे की कमी: केवल 24% महिलाएं शहर के महिला-अनुकूल बुनियादी ढांचे को सुरक्षित मानती हैं। 28% महिलाओं का मानना है कि 2023-2024 में सुरक्षा में सुधार हुआ, जबकि 23% का कहना है कि स्थिति बिगड़ी है।
- शिकायतों का स्तर: सार्वजनिक स्थानों पर उत्पीड़न की शिकायत करने वाली महिलाओं का आंकड़ा 6% है, जो राष्ट्रीय औसत 7% से कम है। कई महिलाओं ने बार-बार उत्पीड़न का सामना किया, जबकि कुछ का यह अनुभव एक बार हुआ।
महिलाओं के सुझाव
सर्वेक्षण में शामिल महिलाओं ने सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई सुझाव दिए:
- 45% ने पुलिस सुरक्षा बढ़ाने की मांग की।
- 39% ने महिला-अनुकूल बुनियादी ढांचे की आवश्यकता पर जोर दिया।
- 28% ने सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की सलाह दी।
- 21% ने आत्मरक्षा प्रशिक्षण की मांग की।
- 18% ने हर क्षेत्र में महिला पुलिस की तैनाती का सुझाव दिया।
- 13% ने सख्त कानून प्रवर्तन, 11% ने पैनिक बटन और महिला सुरक्षा ऐप, और 9% ने सार्वजनिक स्थानों पर बेहतर प्रकाश व्यवस्था की आवश्यकता बताई।
निष्कर्ष और सिफारिशें
रिपोर्ट में कहा गया है कि देहरादून में महिला सुरक्षा की स्थिति चिंताजनक है। रात के समय सुरक्षा को लेकर चिंताएं अधिक हैं, और महिला-अनुकूल बुनियादी ढांचे की कमी स्पष्ट है। सार्वजनिक परिवहन, पुलिस सुरक्षा और कानून प्रवर्तन में सुधार से महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल बनाया जा सकता है। एनसीडब्ल्यू ने प्रशासन से तत्काल कदम उठाने की अपील की है, जिसमें सीसीटीवी कैमरों की स्थापना, महिला पुलिस की तैनाती, और जागरूकता कार्यक्रमों को बढ़ावा देना शामिल है।