पिथौरागढ़ के धारचूला में 17 वर्षीय अनुज सिस्ताल की हत्या के बाद आरोपी सुरेंद्र राम उर्फ सुकू ने काली नदी में छलांग लगाकर भागने की कोशिश की थी। पुलिस और स्थानीय लोगों ने उसे नदी में बहकर मृत मान लिया था। लेकिन 436 दिन बाद, पुलिस ने उसे जीवित पाया और नेपाल से गिरफ्तार कर लिया। यह खुलासा एक अन्य हत्या के मामले की जाँच के दौरान हुआ, जब पता चला कि सुरेंद्र नेपाल में खुलेआम घूम रहा था।
घटना का विवरण
15 जून 2024 को धारचूला के गर्ब्यांगखेड़ा के पास छलमाछिलासो निवासी अनुज सिस्ताल (17) अपनी बुआ के घर आया था। उसी दिन, आरोपी सुरेंद्र राम उर्फ सुकू ने अनुज के गले पर चाकू से वार कर उसकी हत्या कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अनुज को तुरंत नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।इस बीच, सुरेंद्र ने काली नदी में छलांग लगा दी। जून में ग्लेशियरों के पिघलने के कारण नदी का प्रवाह तेज था। नदी किनारे मौजूद लोग और पुलिस ने उसे कुछ देर तक बहते देखा, लेकिन फिर वह नजर नहीं आया। इसके बाद उसे डूबकर मृत मान लिया गया। हत्या का मामला दर्ज हुआ, लेकिन उसकी मृत्यु की आशंका के कारण कानूनी प्रक्रिया रुक गई। स्थानीय लोग कुछ दिनों तक इस घटना की चर्चा करते रहे, फिर मामला ठंडा पड़ गया।
मामले का खुलासा
7 जून 2025 को धारचूला में कमलेश दानू की चाकू मारकर हत्या के बाद क्षेत्र में तनाव फैल गया। इस हत्याकांड के बाद जनता सड़कों पर उतर आई, पुलिस और प्रशासन पर दबाव बढ़ा, और कोतवाली का घेराव हुआ। कमलेश हत्याकांड के तीनों आरोपी पहले ही पकड़े जा चुके थे, लेकिन इस जाँच के दौरान अनुज के पिता कुंदन ने पुलिस को बताया कि अनुज का हत्यारोपित सुरेंद्र नेपाल में जीवित है और खुलेआम घूम रहा है।इस जानकारी ने पुलिस को चौंका दिया, क्योंकि सुरेंद्र को काली नदी में बहकर मृत माना जा रहा था। जनता ने कमलेश और अनुज दोनों के हत्यारों को पकड़ने की मांग तेज कर दी। पुलिस ने नेपाल में सक्रिय जाँच शुरू की और 436 दिन बाद, 24 अगस्त 2025 को सुरेंद्र राम उर्फ सुकू को गिरफ्तार कर लिया। कोतवाल विजेंद्र साह ने गौरव सेनानी संगठन के पूर्व कैप्टन भूपाल रावल को इसकी सूचना दी।
प्रमुख बिंदु
- घटना: 15 जून 2024 को अनुज सिस्ताल की हत्या, धारचूला, पिथौरागढ़।
- आरोपी: सुरेंद्र राम उर्फ सुकू, काली नदी में छलांग लगाकर भागा, मृत माना गया।
- गिरफ्तारी: 436 दिन बाद, 24 अगस्त 2025 को नेपाल से गिरफ्तार।
- खुलासा: कमलेश दानू हत्याकांड की जाँच और अनुज के पिता की सूचना से मामला खुला।
- पुलिस कार्रवाई: कोतवाल विजेंद्र साह के नेतृत्व में जाँच और गिरफ्तारी।
पुलिस और समुदाय की भूमिका
कमलेश हत्याकांड के बाद धारचूला में जनता का आक्रोश और अनुज के पिता की सक्रियता ने इस मामले को फिर से जीवित कर दिया। पुलिस पर नेपाल में फरार आरोपियों को पकड़ने का दबाव बढ़ा, जिसके परिणामस्वरूप सुरेंद्र की गिरफ्तारी संभव हो सकी। यह घटना पुलिस की प्रारंभिक धारणा (सुरेंद्र की मृत्यु) की गलती को भी उजागर करती है और समुदाय की सतर्कता की महत्ता को दर्शाती है।अनुज सिस्ताल हत्याकांड के मुख्य आरोपी सुरेंद्र राम उर्फ सुकू की 436 दिन बाद गिरफ्तारी ने धारचूला के लोगों में न्याय की उम्मीद जगाई है। यह मामला पुलिस की प्रारंभिक जाँच में कमी और समुदाय की सक्रियता की ताकत को दर्शाता है। अब पुलिस सुरेंद्र से पूछताछ कर रही है ताकि हत्या के कारणों और परिस्थितियों का पूरा सच सामने आ सके। इस घटना ने यह भी दिखाया कि कठिन परिस्थितियों में भी न्याय की राह संभव है।