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रैगिंग के खिलाफ थी बेटी, आत्महत्या का सवाल ही नहीं उठता: पिता का बयान

उत्तराखंड के भीमताल स्थित एक प्रतिष्ठित निजी शिक्षण संस्थान में बीसीए की द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। मृतका के पिता ने आत्महत्या की आशंका को नकारते हुए रैगिंग, लापरवाही और सबूतों से छेड़छाड़ जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।

मूल रूप से लखनऊ के मड़ियांव थाना क्षेत्र के वेदनाथपुरम निवासी 18 वर्षीय छात्रा का शव बुधवार को संस्थान के छात्रावास के कमरे में फंदे से लटका मिला था। छात्रा के पिता का कहना है कि उनकी बेटी आत्महत्या नहीं कर सकती क्योंकि वह रक्षाबंधन पर घर लौटने की तैयारी कर रही थी और ट्रेन टिकट भी बुक करा चुकी थी।

रैगिंग का विरोध बना कारण?

पिता ने बताया कि उनकी बेटी हास्टल में प्रथम वर्ष की एक अन्य छात्रा के साथ रहती थी। दो दिन पहले एक सीनियर छात्रा ने कमरे में आकर जूनियर छात्रा से कथित रूप से रैगिंग की, जिसका उनकी बेटी ने विरोध किया था। यही नहीं, उसने पूरी घटना का वीडियो बनाकर अपने पिता को व्हाट्सएप पर भेजा था और उन्होंने उसे वार्डन से शिकायत करने की सलाह दी थी।

शव के फंदे से उतारे जाने पर सवाल

मृतका के पिता ने दावा किया कि उन्हें घटना की जानकारी संस्थान से शाम करीब 5:23 बजे दी गई, जबकि उनकी बेटी आमतौर पर दोपहर दो बजे तक कमरे में लौट आती थी। उन्हें सूचना देने में देरी क्यों की गई? उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि पुलिस के पहुंचने से पहले शव को फंदे से क्यों उतारा गया? क्या यह सबूतों से छेड़छाड़ की कोशिश थी?

कमरे की परिस्थितियाँ बनीं संदेह का कारण

पिता ने कई और सवाल उठाए:

  • जिस कमरे में फंदा लगाया गया, उसकी ऊंचाई काफी थी – उनकी बेटी वहां तक कैसे पहुंची?
  • अगर उसने फंदा लगाया भी, तो भारी बैड को नीचे से खिसकाना कैसे संभव हुआ?
  • अलमारी पहले लॉक थी, लेकिन पुलिस पहुंचने से पहले वह कैसे खुल गई? चाबी कमरे में कैसे आई?
  • फोरेंसिक टीम को बुलाने पर संस्थान को किस बात का डर था?
  • दरवाजा कैसे खुला – तोड़ा गया या खिड़की से देखा गया – इस पर बार-बार जानकारी क्यों बदली गई?

मेडिकल और कानूनी कार्रवाई

पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम डॉक्टर्स के पैनल से कराते हुए पूरे घटनाक्रम की वीडियोग्राफी कराई है। इसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया, जो बेटी को लेकर लखनऊ रवाना हो गए।

परिवार की अपील: हो निष्पक्ष जांच

छात्रा के पिता और परिवार ने पुलिस प्रशासन से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है और कहा है कि यदि बेटी की मौत के पीछे किसी तरह की मानसिक प्रताड़ना, रैगिंग या दबाव है, तो दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।


नोट: यह मामला संवेदनशील है और जांच जारी है। समाचार की पुष्टि संबंधित अधिकारियों की जांच रिपोर्ट के आधार पर की जाएगी।

By devbhoomikelog.com

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