रुद्रप्रयाग जिले के बगरधार और आसपास के गांवों में शुक्रवार रात से शनिवार सुबह तक हुई मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई। अतिवृष्टि के कारण बगरधार गांव में चार आवासीय मकान पूरी तरह से जमींदोज हो गए, जबकि दस अन्य मकान खतरे की जद में हैं।
चमेली, रूमसी, तालीबगर, गिंवाला और सिलकोट क्षेत्रों में भारी बारिश के चलते व्यापक नुकसान हुआ है। गिंवाला गांव में एक गौशाला क्षतिग्रस्त हो गई, और रूमसी गांव में बादल फटने से सैकड़ों नाली कृषि भूमि बर्बाद हो गई।
नगर पंचायत अगस्त्यमुनि से सटे कई क्षेत्रों — जैसे चमेली, गिंवाला, सौड़ी और सिलकोट — में मकान, पेयजल योजनाएं, सिंचाई नहरें और पैदल मार्गों को नुकसान पहुंचा है। कई घरों में मलबा घुस जाने से लोग रातभर जागकर अपनी सुरक्षा करते रहे।
नगर पंचायत सभासद सोनिया सजवाण ने बताया कि ग्राम पंचायत चमेली के बगरधार क्षेत्र में दिनेश सिंह, महेंद्र सिंह, यशवीर सिंह और दलीप सिंह के मकान पूरी तरह जमींदोज हो गए हैं। प्रभावित परिवारों ने फिलहाल पंचायत भवन में शरण ली है।
गनीमत यह रही कि भारी बारिश और मलबा आने से पहले लोग सुरक्षित स्थानों की ओर निकल गए थे, जिससे जान का नुकसान नहीं हुआ। गांव के दीपक सिंह, अवतार सिंह, जगदीश सिंह सजवाण सहित कई परिवारों के मकान अब भी खतरे में हैं।
राजस्व विभाग और नगर पंचायत की टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थलीय निरीक्षण कर नुकसान का आकलन किया। उत्तराखंड महिला आयोग की उपाध्यक्ष ऐश्वर्य रावत ने प्रभावित गांवों का दौरा कर ग्रामीणों से मुलाकात की और हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
इधर, बेडूबगड़ क्षेत्र में भारी मलबा आने से दो वाहन दब गए थे, जिन्हें एनएच विभाग की सहायता से बाहर निकाला गया।
प्राकृतिक आपदा के इस कहर से गांव के लोग दहशत में हैं और प्रशासन से राहत व पुनर्वास की मांग कर रहे हैं।