उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ के पास रविवार को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने से सात लोगों की मौत हो गई। चार धाम के कपाट खुलने के बाद से यह पांचवां हादसा है और अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। रुद्रप्रयाग जिले के पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे ने कहा कि आर्यन एविएशन का हेलिकॉप्टर केदारनाथ मंदिर से तीर्थयात्रियों को लेकर गुप्तकाशी वापस जा रहा था, जब रविवार सुबह करीब 5:20 बजे गौरीकुंड और सोनप्रयाग के बीच जंगली इलाके में यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। उन्होंने कहा कि इस घटना में पायलट के साथ छह तीर्थयात्री, पांच वयस्क और एक 23 महीने का बच्चा शामिल थे। दुर्घटना में सभी की जलकर मौत हो गई। चौबे ने कहा, “हेलीकॉप्टर केदारनाथ मंदिर के दर्शन के बाद लौट रहा था, तभी मौसम खराब हो गया। पायलट ने हेलिकॉप्टर को घाटी से बाहर निकालने की कोशिश की लेकिन यह गौरीकुंड के पास नीचे गिर गया।
मृतकों की पहचान जयपुर के कैप्टन राजबीर सिंह चौहान (39), उखीमठ के विक्रम रावत, उत्तर प्रदेश की विनोद देवी (66), उत्तर प्रदेश की त्रिष्टि सिंह (19) और महाराष्ट्र के एक दंपति राजकुमार सुरेश जायसवाल (41) और श्रद्धा राजकुमार जायसवाल के साथ उनकी 23 महीने की बेटी काशी के रूप में हुई है। दंपति का बेटा विवान सुरक्षित है क्योंकि वह अपने दादा के साथ रह रहा था। मृतक रावत बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) का कर्मचारी था। चौबे ने बताया कि अपने मवेशियों के लिए चारा इकट्ठा कर रहे स्थानीय लोगों ने सबसे पहले मलबा देखा और अधिकारियों को सूचित किया। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें सुबह सात बजे गौरीकुंड पहुंच गईं, ट्रैकिंग के जरिए दुर्घटनास्थल पर पहुंचीं और एक घंटे बाद बचाव अभियान शुरू किया। उन्होंने कहा कि सभी शव बरामद कर लिए गए हैं। उन्होंने दुर्घटना की जांच के आदेश दिए और कहा कि लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने हेलीकॉप्टर संचालन के समन्वय के लिए देहरादून में एक कमांड और समन्वय केंद्र की स्थापना की भी घोषणा की।