विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा है कि खेल और युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) विभागों को एक करने की राज्य सरकार की योजना अव्यवहारिक और अनुचित है। आर्य ने एक बयान में कहा कि खेल विभाग पूरी तरह से तकनीकी विभाग है, जबकि युवा कल्याण और पीआरडी गैर-तकनीकी विभाग है। उन्होंने कहा कि खेल विभाग जहां खेल गतिविधियां संचालित करता है, वहीं युवा कल्याण और पीआरडी कई कार्यक्रम संचालित करता है, जिनमें ग्रामीण खेल गतिविधियां मात्र पांच प्रतिशत हैं। उन्होंने कहा कि इस विभाग की 95 प्रतिशत गतिविधियां खेलों से संबंधित नहीं हैं।
आर्य ने कहा कि खिलाड़ी भारतीय खेल संस्थान पटियाला, कोलकाता और बेंगलुरु जैसे संस्थानों में प्रशिक्षण लेते हैं और वहां से डिप्लोमा प्रमाण पत्र प्राप्त करते हैं और उसी आधार पर उन्हें कोच के रूप में नियुक्त किया जाता है। युवा कल्याण और पीआरडी विभाग का मुख्य उद्देश्य स्वयंसेवकों और महिला मंगल दलों को काम उपलब्ध कराना है। आर्य ने कहा कि दोनों विभागों के विलय से ऐसी स्थिति पैदा होगी कि गैर तकनीकी कर्मचारियों को तकनीकी कार्य सौंपे जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार को दोनों विभागों के विलय का विचार त्याग देना चाहिए।