त्योहारों पर मिठाई की मांग बढ़ने के साथ-साथ मिलावट का अंदेशा भी बढ़ जाता है
दिवाली रोशनी का त्योहार और रौनक का त्योहार तो है ही साथ ही साथ मिठाइयों का भी त्योहार है.
इस दौरान घर के फ़्रिज़ से लेकर खाने के टेबल तक मिठाइयों के डिब्बे नज़र आते हैं. लेकिन इस दौरान मिठाइयों में मिलावट की भी चिंता लोगों को सताती है. इन दिनों बड़ी मात्रा में मिलावटी दूध, घी, खोया आदि की खेप पकड़ी भी जाती है.
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इन दिनों मिठाइयों की मांग और तेज़ हो जाती है,और यही वजह है कि बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अक्सर इन खाने की चीज़ों में मिलावट की जाती है.
ये मिलावटी चीज़ें लोगों की सेहत के लिए बेहद नुक़सानदेह हो सकते हैं. भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफ़एसएसएआई) ने कुछ ऐसे आसान तरीके बताए हैं जिससे आप घर बैठे आसानी से मिलावट का पता लगा सकते हैं.
दूध में डिटर्जेंट का पता कैसे लगाएं?
- एक कप में 5 से 10 मिलीलीटर दूध लें और उतना ही पानी मिलाएं.
- फिर दोनों को अच्छे से मिलाएं
- अगर दूध में डिटर्जेंट मिला है, तो उसके ऊपर गाढ़ा झाग बन जाएगा.
- अगर दूध में पतली झाग बनती है तो आप ये मान सकते हैं कि दूध में कोई मिलावट नहीं हैं.
दूध में पानी की मिलावट का पता कैसे लगाएं?
- दूध की कुछ बूंदों को एक प्लेट पर रखें और उसे एक ओर थोड़ा झुकाएं.
- जिस दूध में मिलावट नहीं होगा वो दूध धीरे-धीरे बहता है और वो अपने पीछे एक सफे़द-सी लकीर छोड़ जाता है.
- अगर दूध में पानी की मिलावट है तो वो तेज़ी से बहता है और अपने पीछे कोई सफे़द-सी लकीर नहीं छोड़ता.
खोया
एक डेयरी उत्पाद है. इसे दूध को उबाल कर बनाया जाता है. ये सफेद या पीले रंग का होता है और इसका स्वाद हल्का मीठा होता है. इसका इस्तेमाल कई तरह के पारंपरिक मिठाइयों में किया जाता है.
ज़्यादातर मामलों में खोया में मिलावट स्टार्च, वनस्पति घी, ब्लॉटिंग पेपर, चॉक पाउडर के माध्यम से की जाती है.
जांचने का तरीका-
- एफ़एसएसएआई के अनुसार, एक चम्मच खोया लें और उसे गर्म पानी में मिलाएं. फिर उस कप में थोड़ा आयोडीन मिलाएं.
- खोया का रंग अगर नीला हो जाता है तो माना जा सकता है कि उसमें स्टार्च की मिलावट है. नीला नहीं होने के मतलब वो शुद्ध है.
- इसके अलावा इसमें फॉर्मेलिन जैसे रसायनों की मौजूदगी का पता लगाने के लिए सल्फ्यूरिक एसिड का इस्तेमाल किया जाता है.
दूसरा तरीका-
- एक छोटे से बर्तन में थोड़ा खोया लें फिर उसमें सल्फ्यूरिक एसिड मिलाएं. बैंगनी रंग आता है तो यह मिलवटी है.
खोया खरीदते समय भी इसका पता लगाया जा सकता है.
एफ़एसएसएआई के मुताबिक़ ताज़ा खोया तैलीय और दानेदार होता है. ये स्वाद में थोड़ा मीठा और अगर इसे हाथ की हथेली पर रगड़ा जाए तो ये चिकनाहट छोड़ता है.
इसे खरीदने से पहले इसकी थोड़ी सी मात्रा लें और इसे अपनी हथेली पर रगड़ें, अगर इसमें ये सभी गुण हैं माना जा सकता है कि यह शुद्ध है.
वनस्पति तेल की मौजूदगी का पता लगाने के लिए सैंपल में दो चम्मच हाइड्रोक्लोरिक एसिड और एक चम्मच चीनी मिलाएं.
ऐसा करने पर अगर मिश्रण लाल रंग का हो जाता है तो वो खोया अशुद्ध है.ती है, ऐसे में बाज़ार में मिलावटी घी भी मिल सकता है.
घी या मक्खन
कई लोग फ़ायदे के लिए घी की गुणवत्ता से समझौता कर लेते हैं. घी या मक्खन में मिलावट के लिए आमतौर पर मसले हुए आलू, शकरकंद और अन्य स्टार्च जैसे पदार्थों का इसतेमाल किया जाता है.
घी का इस्तेमाल लगभग सभी प्रकार की पारंपरिक मिठाइयां बनाने के लिए किया जाता है. त्योहार के समय घी की भी मांग बढ़ जाएफ़एसएसएआई के मुताबिक़ ताज़ा खोया तैलीय और दानेदार होता है.
इस तरीके से घी में मिलावट का पता लगा सकते हैं-
- एक कांच (पारदर्शी) के कटोरे में आधा चम्मच घी या मक्खन लें
- उसमें 2-3 बूंद आयोडीन मिलाएं
- अगर उसका रंग नीला हो जाता है इसका मतलब वो खाने के लायक नहीं है.
- नीले रंग का बनना मसले हुए आलू, शकरकंद और अन्य स्टार्च की मौजूदगी की तरफ इशारा करता है.
चीनी, गुड़ और शहद
मिठाइयों की मिठास के लिए इस्तेमाल होने वाली चीनी, गुड़ और शहद भी मिलावट से अछूते नहीं हैं.
शहद में चीनी के मिलावट का पता कैसे लगाएं?
- एक पारदर्शी गिलास में पानी लें
- उसमें शहद का एक बूंद मिलाएं
- अगर शहद शुद्ध है तो वो पानी में नहीं घुलेगा
- अगर शहद की वो बूंद पानी में घुल जाती है तो इसका मतलब है कि उसमें चीनी मौजूद है.
दूसरा तरीका-
- शहद में रुई की बत्ती को डुबोकर उसे माचिस से जला लें
- शुद्ध शहद सड़ जायेगा.
- अगर शहद में मिलावट है तो वो पानी की मौजूदगी के कारण नहीं जलेगा और अगर थोड़ा भी जला तो हल्की आवाज़ करेगा.
चीनी-गुड़ में चॉक पाउडर का पता कैसे लगाएं?
- एक पारदर्शी गिलास में पानी लें.
- 10 ग्राम शहद को पानी में घोल लें.
- चीनी-गुड़ में अगर चॉक पाउडर मिला है तो वह गिलास में बैठ जाएगा.
केसर
केसर की मात्रा को बढ़ाने के लिए उसमें रंग मिला दिया जाता है. इस मिश्रण का पता घर पर भी लगाया जा सकता है.
मिलावट पता करने की विधि-
- असली केसर जल्दी नहीं टूटेगा, वहीं नकली आसानी से टूट जाता है.
- इसका पता लगाने के लिए एक पारदर्शी गिलास में पानी लें और उसमें थोड़ा सा केसर डालें.
- केसर को मिलाने पर उसका नकली रंग आसानी से पानी में घुल जाएगा.
- लेकिन अगर केसर असली है तो पानी में रखने के बाद भी उसका रंग तब तक रहेगा जब तक वो पूरी तरह से घुल न जाए.