मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि सरकारी योजनाओं के निर्माण में नवाचार पर विशेष ध्यान दिया जाय और उनके क्रियान्वयन में आधुनिक तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग किया जाय। सीएम ने बुधवार को राज्य सचिवालय में सचिव समिति की बैठक में हिस्सा लिया. संयोग से धामी सचिव समिति की बैठक में हिस्सा लेने वाले राज्य के पहले सीएम हैं.
बैठक को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि सुशासन पर विशेष ध्यान दें. उन्होंने कहा कि नीति आयोग द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्यों पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सचिव समिति की बैठक में राज्यहित से जुड़े मुद्दों की नियमित समीक्षा की जाये. जिलों के प्रभारी सचिव समय-समय पर जिलों का दौरा कर योजनाओं की नियमित समीक्षा करें। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य की प्रमुख परियोजनाओं की अलग से और बड़े पैमाने पर समीक्षा की जानी चाहिए। धामी ने कहा कि प्राकृतिक आपदा या किसी अन्य संभावित क्षति से बचाने के लिए विभिन्न परियोजनाओं का सुरक्षा ऑडिट भी किया जाना चाहिए। परियोजनाओं, सुरंगों और अन्य बुनियादी ढांचे से संबंधित कार्यों में सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए ताकि जान-माल की हानि न हो।
सीएम ने मितव्ययिता पर जोर देते हुए कहा कि राजस्व बढ़ाने के साथ-साथ खर्चों पर भी नियंत्रण जरूरी है. मुख्यमंत्री को बताया गया कि वर्ष 2070 तक ‘शुद्ध शून्य उत्सर्जन’ की ओर बढ़ने के लिए भारत सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के मद्देनजर, राज्य को थर्मल और भू-तापीय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रयास करने की जरूरत है।
बैठक में सचिवों द्वारा राज्यहित में कई सुझाव दिये गये. प्रदेश की राजस्व क्षमता बढ़ाने और पूंजीगत व्यय कम करने, वृद्धजनों को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाने, निराश्रित गोवंश की सुरक्षा के लिए प्रभावी उपाय और साइबर सुरक्षा पर चर्चा हुई।
राज्य में कृषि, बागवानी, रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने के भी सुझाव दिये गये।
बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, एल फैनई, प्रमुख सचिव विधि प्रदीप पंत समेत सभी सचिव उपस्थित थे.