बनभूलपुरा थाना फूंकने के मामले में नामजद वांटेड अब्दुल मोईद को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मोईद दिल्ली में छिपा था। पुलिस से बचकर भागने के मामले में अब्दुल मोईद अपने पिता अब्दुल मलिक से भी एक कदम आगे रहा। पिछले आठ दिन से उसने दिल्ली की एक मुस्लिम बस्ती में शरण ले रखी थी। बनभूलपुरा थाना फूंकने के मामले में नामजद वांटेड अब्दुल मोईद को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मोईद दिल्ली में छिपा था। कोर्ट में पेश कर उसे जेल भेज दिया गया है। बवाल के मुख्य साजिशकर्ता अब्दुल मलिक की चार दिन की पुलिस गुरुवार को पूरी हो गई है। शुक्रवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।
गुरुवार को एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि आठ फरवरी को बनभूलपुरा में सरकारी जमीन पर बने अवैध मदरसा व नमाज स्थल को तोड़ने पर उपद्रव हुआ था। भीड़ ने पुलिस, प्रशासन व निगम की टीम पर पथराव व आगजनी की। दर्जनों वाहनों के अलावा बनभूलपुरा थाना भी फूंक दिया था। अब्दुल मलिक उपद्रव का मुख्य साजिशकर्ता था। अब्दुल मोईद उसी का बेटा है जो बनभूलपुरा थाना फूंकने के मामले में नामजद था।
आराम की नींद सोया था मोईद, गिरेबान पकड़ उठा लाई पुलिस
पुलिस से बचकर भागने के मामले में अब्दुल मोईद अपने पिता अब्दुल मलिक से भी एक कदम आगे रहा। पिछले आठ दिन से उसने दिल्ली की एक मुस्लिम बस्ती में शरण ले रखी थी। गुरुवार की सुबह जब वह बिस्तर पर चैन की नींद सोया था तो पुलिस ने दबिश दी। मोईद का गिरेबान पकड़कर पुलिस कार तक लाई और वहां से हल्द्वानी लाया गया।
आठ फरवरी को बनभूलुपरा थाने फूंकने के आरोपित मोईद ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह नौ फरवरी को दिल्ली में था। उसे जब पता चला कि पुलिस उसके पीछे पड़ चुकी है तो उसने अपना मोबाइल नंबर बंद कर दिया था। इसके बाद अपने किसी परिचित के मोबाइल फोन का प्रयोग करता रहा।
दिल्ली से 10 फरवरी को वह अपने परिचित की कार में सवार होकर पंजाब के लिए निकल पड़ा और तीन दिन तक वहीं रहा। इसके बाद हिमाचल प्रदेश में जाकर छिप गया। आठ दिन पहले यानी 22 फरवरी को वह दिल्ली वापस लौटा। मुस्लिम बस्ती में उसने शरण ली। मुस्लिम बस्ती को इसलिए ठिकाना बनाया कि पुलिस से बच सके।