लोकसभा चुनाव में अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट पर प्रत्याशियों की परीक्षा तो होगी ही, प्रत्याशियों के अलावा कांग्रेस नेता हरीश रावत, रेखा आर्या समेत कई नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट पर 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को 4,44,651 और कांग्रेस को 2,11,665 वोट मिले थे। सभी 14 विधानसभाओं में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। भाजपा का चंपावत सीट पर सबसे अधिक जीत का अंतर 27215 रहा जबकि सबसे कम जीत का अंतर जागेश्वर में 7944 मतों का था। उस समय चुनाव में मुकाबला भाजपा के अजय टम्टा और कांग्रेस के प्रदीप टम्टा के बीच था।
दोनों लोकसभा में तीसरी बार जबकि कुल पांचवीं बार आमने सामने थे। दोनों इससे पहले भी दो बार विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे के खिलाफ जोरआजमाइश कर चुके थे, इस चुनाव में बदली सियासी तस्वीर के बीच इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। पिछले चुनाव में चंपावत से सबसे ज्यादा मतों से अजय टम्टा को अपनी विधानसभा सीट से जीत दिलाने वाल कैलाश गहतोड़ी विधायक थे जबकि इस बार इस सीट से प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी विधायक हैं।
इस सीट पर कांग्रेस के नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत का अल्मोड़ा गृह जनपद है। ऐसे में उनकी भी प्रतिष्ठा इस सीट से जुड़ी है। यह सीट महिला और बाल विकास मंत्री रेखा आर्या का भी गृह जनपद है। रेखा आर्या तो यहां की सोमेश्वर से विधायक भी हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा रानीखेत विधानसभा क्षेत्र के निवासी है। पिछले लोकसभा चुनाव जब हुए थे तो करन माहरा विधायक थे और पार्टी प्रत्याशी को उनकी विधानसभा क्षेत्र से 10749 मतों से हार मिली थी। ऐसे में इस बार वह खोई साख को वापस पाना चाहेंगे।
इस चुनाव में भाजपा के दिग्गजों के सामने अपने प्रत्याशी अजय टम्टा को जीत की हैट्रिक दिलाने और कांग्रेस के दिग्गजों के लिए प्रदीप टम्टा की दो बार की हार को जीत में बदलकर भाजपा के विजय रथ को रोकने की चुनौती होगी। हालांकि इस पर अंतिम फैसला मतदाताओं को करना है।