सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिख समाज के गुरुओं का बलिदान, सेवा और राष्ट्र निर्माण में योगदान अनुकरणीय है। गुरुजनों के दिखाए गए रास्ते पर चलकर ही मानवता का विकास संभव है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिख समाज के गुरुओं का बलिदान, सेवा और राष्ट्र निर्माण में योगदान अनुकरणीय है। गुरुजनों के दिखाए गए रास्ते पर चलकर ही मानवता का विकास संभव है। उन्होंने सभी संतों और गुरुओं से उत्तराखंड राज्य के विकास के लिए आशीर्वाद लिया।
सीएम धामी मंगलवार को यहां चैती गांव स्थित गोराया पेपर मिल परिसर में खालसा पंथ के 325 साल पूरे होने पर तीन दिवसीय खालसा साजना दिवस पर आयोजित गुरुमत संत समागम में संतों से आशीर्वाद लेने के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्हें प्रदेश के साथ ही केंद्र सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं। उन्होंने श्रेष्ठ उत्तराखंड बनाने का संकल्प भी दोहराया।
उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं के इतिहास को जाने बिना देश के इतिहास को भी नहीं जाना जा सकता है। मानवता का संदेश जन-जन तक पहुंचाने में खालसा पंथ और उनके अनुयायियों का अहम योगदान बताते हुए खालसा पंथ के 325 साल पूरे होने पर बधाई दी। उन्होंने बाल वीरों बाबा फतेह सिंह और बाबा जोरावर सिंह को याद करते हुए कहा कि इन दोनों वीर बालकों ने खुद को दीवार में चुनवाना स्वीकार किया, लेकिन झुकना स्वीकार नहीं किया। केंद्रीय पर्यटन एवं रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने कहा कि गुरुओं के मार्गदर्शन में ही सभी का कल्याण हो सकता है। संत समागम में शामिल होने आए सभी संतों का स्वागत करते हुए उन्होंने आशीर्वाद लिया। विधायक त्रिलोक सिंह चीमा ने भी संतों का स्वागत किया। इस मौके पर संत महंत ज्ञानदेव महाराज, बाबा लक्खा सिंह, महंत तरसेम सिंह, सतनाम सिंह करनाल वाले, महंत प्रताप सिंह, महंत उपदेश सिंह, महंत मंजीत सिंह, बाबा वचन सिंह, महंत गुरुदेव सिंह आदि संतों के अलावा मंडी समिति अध्यक्ष अनिल डब्बू, गुरविंदर सिंह चंडोक, जिलाध्यक्ष गुंजन सुखीजा, पूर्व विधायक डॉ. शैलेंद्र मोहन सिंघल आदि मौजूद रहे।