पांच लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों का एलान कर भाजपा अब नामांकन की तैयारी में जुट गई है। उधर, कांग्रेस में हरिद्वार और नैनीताल लोकसभा सीटों पर टिकट को लेकर मारामारी जारी है। दोनों सीटों पर प्रत्याशियों को लेकर केंद्रीय चुनाव समिति की सोमवार को तय बैठक टाल दी गई। कांग्रेस में अभी हरिद्वार व नैनीताल सीट पर प्रत्याशियों को लेकर चल रही खींचतान चल रही है।
अब मंगलवार को बैठक होगी, जिसमें दोनों सीटों के प्रत्याशियों की घोषणा हो सकती है। इसके चलते भाजपा की तुलना में कांग्रेस प्रचार में पिछड़ रही है। हरिद्वार संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रचार के लिए मोर्चा संभाल लिया है। उधर, गढ़वाल संसदीय सीट पर अनिल बलूनी भी प्रचार में उतर गए हैं, लेकिन कांग्रेस में हरिद्वार और नैनीताल सीट पर प्रत्याशियों के नामों को लेकर सहमति नहीं बन रही है।
आपसी खींचतान के कारण केंद्रीय चुनाव समिति ने दोनों सीटों पर टिकट प्रतीक्षा में रख दिया है। हरिद्वार सीट से पूर्व सीएम हरीश रावत अपने बेटे वीरेंद्र रावत के लिए टिकट मांग रहे हैं, जबकि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा इस बात पर अड़े हैं कि यहां से हरीश रावत खुद चुनाव लड़े या फिर उन्हें मौका दिया जाए। नैनीताल सीट पर कई दावेदार होने से आपसी खींचतान चल रही है।
यहां से यशपाल आर्य, भुवन कापड़ी, महेंद्र पाल, रणजीत रावत, प्रकाश जोशी के नामों की चर्चा है। इन नामों में यशपाल आर्य के नाम पर तकरीबन सहमति है, पर आर्य चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं बताए जा रहे हैं। हालांकि, पार्टी में एक बड़ा वर्ग नैनीताल-ऊधम सिंह नगर सीट के जातीय समीकरण के हिसाब से आर्य को मजबूत प्रत्याशी के तौर पर देख रहा है।
पार्टी की ओर से पूरे प्रदेश में बूथ स्तर पर चुनावी तैयारी चल रही है। दो सीटों पर प्रत्याशी तय न होने से प्रचार में देरी हो रही है। 19 मार्च को दोनों सीटों पर प्रत्याशी घोषित होने की संभावना है। पार्टी हाईकमान जिसे भी टिकट देगी, उसकी जीत के लिए कार्यकर्ता पूरी मेहनत से चुनाव में काम करेंगे