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देश एवं उत्तराखण्ड राज्य में बढ़ती सड़क दुर्घटनाएं एक चिंतनीय विषय

राज्य में दिन प्रतिदिन सड़क दुर्घटनाआंे में इजाफा देखने को मिल रहा है। केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी द्वारा समय समय पर सड़क दुर्घटनाओं के प्रति संवेदना प्रकट की जाती है। उनके द्वारा अत्यधिक घटनाओं के होने पर सड़क डिजाइन अथवा डी0पी0आर0 में खामियां होना बताया गया है, जिसके कारण भारत में पूरे विश्व में सबसे अधिक मृत्यु एवं शारीरिक नुकसान के साथ ही अर्थव्यवस्था को नुकसान होता है।
इससे सप्लाई चेन में परेशानियों के साथ ही परिवार के कमाॅऊ सदस्यों के खोने से पूरे परिवार के साथ ही समाज में भी कठिनाइयां उत्पन्न होती हैं। केवल 2022 में ही लगभग 12 प्रतिशत की वृद्वि हुई है जिससे जानमाल का अत्यधिक नुकसान देश को हो रहा है तथा संवेदनशीलता के साथ गंभीर कदम केंद्र और राज्य के स्तर पर उठाने ही होंगे।
आंकडों पर गौर करें तो पूरे भारत वर्श में आंकडों का व्योरा निम्नवत् है-

उत्तराखण्ड राज्य में पर्यटन लगातार बढ़ रहा है किंतु लगातार होते हादसे पर्यटकों को चिंता में जरूर डालते हैं। इसलिए आवश्यक है कि सभी सड़को का आॅडिट करवाया जाए। सड़क निर्माण में होने वाली अनियमितताओं से भी सख्ती से निपटने की आवश्यकता है तांकि मानकों में किसी भी प्रकार की हीलाहवाली नहीं हो। पहाड़ों की संरचना के अनुरूप यहां कै्रश बैरीयर, पैरापिट दीवार निर्माण, ब्लैक स्पाट्स का निस्तारण के साथ अंधेरे के समय पर्याप्त उजाला एवं सड़क का सभी तरह के अवरोधों से मुक्त होना आवष्यक है। कै्श बैरीयर अथवा पैरापिट वाल होने से गाड़ियों का खाई में गिरने से बचाया ही जा सकता है, जिससे दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु में अवश्य कमी आयेगी।

सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु या हानि का सबसे बड़ा कारण वाहन की गति है। अगर गति संयमित है तो नुकसान को कम किया जा सकता है। विभिन्न प्रकार के अध्ययन में यह सामने आया है कि सड़क दुर्घटनाओं में नुकसान का प्रमुख कारण स्पीड ही है।

सरकारों को निश्चित रूप से इसपर गंभीरता से कार्य करने की आवश्यकता है क्योंकि यह मानवीय मूल्यों और विकास के भी खिलाफ है। इस प्रकार से बड़ी संख्या में लोग दुर्घटनाओं मंे बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है।

By devbhoomikelog.com

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